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शुक्रवार को खातेगांव के डाक बंगला मैदान पर हजारों आदिवासियों ने एकत्रित होकर वन विभाग और प्रशासन के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली, कार्रवाई को लेकर वन विभाग, प्रशासन और विधायक को भी खरी खोटी सुनाई, तपती धूप में हजारों आदिवासी डाक बंगला मैदान खातेगांव में डटे रहे। बता दे कि विगत दिनों खिवनी अभ्यारण्य के कक्ष नंबर 209, 215 में वन विभाग के द्वारा मकान तोड़ने की कार्रवाई की थी जिसमें 55 मकान तोड़े गए थे।
विधायक स्वेच्छानुदान, रेड क्रॉस के माध्यम से 20-20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता
गुरुवार को देवास कलेक्टर ऋऋतुराजसिंह, पुलिस अधीक्षक, पुनीत गेहलोद, क्षेत्रीय विधायक आशीष शर्मा भी पहुंचे जहां ग्राम पंचायत पटरानी के पंचायत भवन में बैठक करके प्रभावित परिवार को 20-20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता राशि 06 माह का अतिरिक्त राशन एवं एक माह तक पका हुआ भोजन पंचायत के द्वारा बनाकर दिया पीड़ितों को दिया जाएगा।यह भी पढे : भिल प्रदेश बनाने कीं मांग.
वही सर्वे करवाया जाकर पीएम आवास योजना का लाभ दिलाया जाएगा। घटना के बाद विधायक पटरानी पहुंचे जहां उन्होंने कहा कि बारिश के ऐसे मौसम में जिन लोगों को छत की आस होती हे ऐसे समय में लोगों को घर तोड़ना बेहद निंदनीय है। में सरकार को भी इस बारे में अवगत कराउंगा कि उन पर कार्रवाई हो। इधर विधायक आशीष शर्मा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को भी पत्र लिखकर जो कार्रवाई खिवनी गांव में आदिवासियों और पर की गई जिसमें एसडीओ विकास मोहरे, रेंजर भी सिसोदिया को हटाए जाने की मांग की है।
महिलाओं ने कहा हमारे बच्चे रोते रहे लेकिन वन विभाग को नहीं आई दया, ऐसी सरकार को जूते मारने चाहिए
सरकार ओर प्रशासन बारिश के ऐसे समय में कार्रवाई कर रहा था जब कोई चिड़िया का घोंसला भी नहीं हटाता है। वन विभाग के खिलाफ महिलाओं ने भी काफी सवाल खड़े किए महिलाओं ने संबोधित करते हुए कहा कि वन विभाग के अधिकारियों ने ऐसे अपशब्दों का प्रयोग किया जो महिला बच्चियों के साथ नहीं किया जा सकते हे महिलाओं के सिर में मारा गया, महिलाओं को घसीटा गया, पीटा गया। आंदोलन में सीहोर, देवास, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, बैतूल, बड़वानी, शहडोल, धार एवं अन्य जिलों से भी लोग शामिल हुए थे।विधायक ने कर लिया मोबाइल बंद, हमारी नहीं सुनी कोई बात
आंदोलन में वक्ता रंजीत भल्ला, वीरसिंह डाबर, अनीता अलावा, राहुल इनानिया जितेंद्र जाधव, ओर भी अन्य में सभा को संबोधित किया, आदिवासी नेताओं ने कहा कि हम हमारी जान दे देगे, सीने पर गोली खा ले लेंगे लेकिन हम जल, जंगल, जमीन को छोड़ने वाले नहीं हैं।प्रशासन ने यदि आदिवासियों को जगाने की कोशिश की ओर किसी प्रकार की कार्रवाई की तो सरकार और प्रशासन, वन विभाग कान खोलकर सुन ले, 2 करोड़ आदिवासी है पूरे प्रदेश में भूचाल ला देंगे। हमने प्रशासन से निवेदन किया कि हमें कुछ समय दिया जाए लेकिन कोई भी अधिकारी ने हमारी बात नहीं सुनी एक एक कबेलू तक फोड़ दिए, पीड़ितों ने विधायक आशीष शर्मा को फोन लगाया तो मोबाइल बंद कर लिया, वही विधायक आशीष शर्मा का कहना हे कि मेरी दो लोगों से बात हुई थी।
इधर जयस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रामदेव काकोड़िया, राहुल ईनानिया पीड़ितों के बीच पहुंचे तो महिलाओं ने वन विभाग के डिप्टी रेंजर शशिकांत जाटव पर आरोप लगाए कि हम उनको जमीन पर खेती करने के बदले मुर्गा, बकरे, ओर गेहूं तक देते थे। लेकिन हमारे मकान तोडे गए हमारे छोटे छोटे बच्चे हे हम कहा जाएंगे वन विभाग ने कोई दया नहीं दिखाई ओर हमारी वर्षों पुरानी विरासत को मिनटों में ही मिट्टी में मिला दिया। देशी मुर्गे और अंडे तक भी वन विभाग के लोगों ने उठाकर ले गए ।,
पूर्व केंद्रीय मंत्री भूरिया समेत कई कांग्रेसी नेता भी पहुंचे
पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, रामु टेकाम, डॉ ओम पटेल, बंटू गुर्जर, अशोक पटेल, और भी कांग्रेस के नेता आदिवासियों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए पहुंचे वही अन्य संगठनों ने भी शांतिपूर्ण आंदोलन का अपना समर्थन दिया। वक्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश व्यक्त किया।इधर जयस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रामदेव काकोड़िया, राहुल ईनानिया पीड़ितों के बीच पहुंचे तो महिलाओं ने वन विभाग के डिप्टी रेंजर शशिकांत जाटव पर आरोप लगाए कि हम उनको जमीन पर खेती करने के बदले मुर्गा, बकरे, ओर गेहूं तक देते थे। लेकिन हमारे मकान तोडे गए हमारे छोटे छोटे बच्चे हे हम कहा जाएंगे वन विभाग ने कोई दया नहीं दिखाई ओर हमारी वर्षों पुरानी विरासत को मिनटों में ही मिट्टी में मिला दिया। देशी मुर्गे और अंडे तक भी वन विभाग के लोगों ने उठाकर ले गए ।,
प्रशासन ने मानी 06 मांग, लिखित में भी दिया आश्वासन
इधर आंदोलनकारियों ने प्रशासन को खुला चैलेंज किया था कि रैली घुमकर आए उसके बाद आप लिखित में हमारी मांग मानने का आश्वासन दोगे तो यही से जाएंगे अन्यथा हम जाने वाले नहीं हैं। प्रशासन के हाथ पैर फूल गए जब हजारों आदिवासी एक साथ अजनास रोड होते हुए सीधे अमृता देवी तिराहा, अस्पताल चौराहे से सीधे आंदोलन स्थल पहुंचे जहां पर अपर कलेक्टर बिहारी सिंह, एसडीएम प्रिया चंद्रावत पहुंची आदिवासियों की 06 मांग जो सार्वजनिक रूप से मानी गई ओर प्रशासन की ओर से उन्हें पूरा करने का लिखित में आश्वासन दिया, उसके बाद आदिवासियों ने आंदोलन समाप्ति की घोषणा की।इन मांगों पर प्रशासन की स्वीकृति
- 1 - जिन भी प्रभावित लोगों के मकान तोड़े गए हैं उन सभी प्रभावित परिवारों को प्रशासन के द्वारा टीनशेड का निर्माण बारिश के मौसम को देखते हुए किया जाएगा
- 2- ग्राम पटरानी से खिवनी खुर्द तक सड़क एवं नदी पर पुलिया बनाई जाएगी ।
- 3- पीड़ित परिवार के सदस्यों के मकान ज्यादा तोड़े गए हैं लेकिन जो सूची बनाई गई उसमें कम नाम है इस संबंध में वास्तविक सूची तैयार की जाएगी प्रभावित परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा शासन इस संबंध में कार्रवाई पूर्ण करेगा ।
- 4- सभी प्रभावित परिवारों जिनके पास पीएम आवास योजना के तहत मकान नहीं है उनकी सूची बनाकर उन्हें आवास योजना का लाभ दिलाया जाएगा।
- 5- वन विभाग के जो भी अधिकारी है इस कार्रवाई में शामिल थे उन सभी पर कार्रवाई को जाएगी।
- 6- देवास जिले के भीतर जितने भी आदिवासी परिवार के लोग जो वन भूमि पर खेती कर रहे हैं उन सभी के संबंध विस्तृत प्रतिवेदन जांच उपरांत तैयार किया जाकर शासन से स्वीकृति का अनुरोध किया जाएगा।